वित्त मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने बिनेंस और क्यूकॉइन समेत कई अलग-अलग कंपनियों को नोटिस भेजा है। उन्होंने हुओबी, क्रैकेन, गेट.आईओ, बिट्ट्रेक्स, बिटस्टैम्प, एमईएक्ससी ग्लोबल और बिटफिनेक्स जैसी अन्य कंपनियों को भी नोटिस भेजे।
सरकार ने नौ विदेशी वेबसाइटों को चेतावनी पत्र भेजे हैं जो लोगों को बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्रा खरीदने और बेचने की अनुमति देते हैं। इन वेबसाइटों ने बुरे लोगों को अवैध चीज़ों के लिए पैसे का उपयोग करने से रोकने के नियमों का पालन नहीं किया। सरकार ने दूसरे विभाग से भी इन वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए कहा ताकि लोग अब उनका उपयोग न कर सकें। वित्त मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने बिनेंस, क्यूकॉइन, हुओबी, क्रैकेन, गेट.आईओ, बिट्ट्रेक्स, बिटस्टैम्प, एमईएक्ससी ग्लोबल और बिटफिनेक्स को संदेश भेजे हैं।
उन्होंने ये संदेश इसलिए भेजे क्योंकि इन कंपनियों ने FIU-IND के साथ उस तरह साइन अप नहीं किया जैसा कि उन्हें करना चाहिए था। FIU-IND एक विशेष समूह की तरह है जो धन संबंधी गतिविधियों के बारे में ऐसी जानकारी इकट्ठा करता है और देखता है जो अजीब या सही नहीं लगती है। फिर वे इस जानकारी को विभिन्न देशों की पुलिस और अन्य समूहों के साथ साझा करते हैं।
सरल शब्दों में, भारत में ऐसी कंपनियां हैं जो डिजिटल पैसे के लिए सेवाएं प्रदान करती हैं, जैसे आभासी सिक्के खरीदना और बेचना। इन कंपनियों को आधिकारिक तौर पर एक सरकारी एजेंसी के साथ साइन अप करना होगा और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा। अब तक इनमें से 31 कंपनियों ने सरकारी एजेंसी के साथ अनुबंध किया है।
हाँ, यह सही है। भारत सरकार ने बाइनेंस, क्यूकॉइन, हुओबि, कॉइनबेस, क्रोकोडाइल, बिट्टोइक्स, बिटफॉरक्स, वॉलेट ऑफ़ सी और ट्रेडिंगव्यू सहित 9 विदेशी क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स को नोटिस भेजा है। इन प्लेटफ़ॉर्म्स को 30 जनवरी, 2024 तक भारत में अपने संचालन को वैध बनाने के लिए कहा गया है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
नोटिस में कहा गया है कि इन प्लेटफ़ॉर्म्स को भारतीय कानूनों का पालन करना होगा, जिसमें आयकर अधिनियम, 2016 और वित्तीय सेवा विभाग (FDS) द्वारा जारी दिशानिर्देश शामिल हैं। उन्हें अपने ग्राहकों के पहचान सत्यापन (KYC) और धन शोधन निवारण (AML) नियमों का भी पालन करना होगा।
सरकार का मानना है कि इन प्लेटफ़ॉर्म्स का भारत में संचालन अवैध है क्योंकि वे भारतीय कानूनों का पालन नहीं करते हैं। सरकार ने इन प्लेटफ़ॉर्म्स को वैध बनाने के लिए एक विनियमन ढांचा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण सरकार ने यह कदम उठाया है। सरकार का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग धन शोधन और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
बाइनेंस और क्यूकॉइन ने इन नोटिसों को प्राप्त करने की पुष्टि की है। दोनों कंपनियों ने कहा है कि वे भारतीय कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और वे भारत में अपने संचालन को वैध बनाने के लिए काम कर रही हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति अभी भी अनिश्चित है। सरकार द्वारा एक विनियमन ढांचा तैयार किए जाने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।